Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps May 03, 2017 काका ! तुम्हारी आँखों में, आशाओं का अंबार क्यूँ दिखता है! जबकि तुम्हें पता है, कि तुम्हारी आशाओं से 'उनपर' कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। न तब - न अब । -✍शुभम् Read more